हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कई हिस्सों में लगातार बारिश के कारण रावी, ब्यास और सतलुज नदियाँ उफान पर हैं। पंजाब में भाखड़ा, पौंग और अन्य बांधों से नियंत्रित मात्रा में पानी छोड़े जाने से समस्या और बढ़ रही है। सभी कॉलेज, विश्वविद्यालय और पॉलिटेक्निक संस्थान भी बुधवार तक बंद कर दिए गए हैं। स्कूल पहले से ही बंद हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से बातचीत की और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने राज्य को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। पंजाब राज्य के अधिकांश हिस्सों, खासकर सीमावर्ती जिलों गुरदासपुर, अमृतसर, फाजिल्का, फिरोजपुर और अन्य जिलों में बाढ़ से जूझ रहा है। घग्गर और मारकंडा नदियों के उफान पर होने से पटियाला जिला प्रभावित हुआ है, जिसके कारण प्रशासन ने राजपुरा उप-मंडल के कई गांवों के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है। कपूरथला प्रशासन ने भी प्रभावित ग्रामीणों को राहत शिविरों में पहुँचने की चेतावनी दी है।
बाढ़ से एक हज़ार से ज़्यादा गाँव प्रभावित हुए हैं और 15 हजार से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। लगभग 3 लाख एकड़ ज़मीन पानी में डूब गई है और लगभग एक लाख 25 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। सैकड़ों मवेशी भी मारे गए हैं। राज्य सरकार, भारतीय सेना, वायुसेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पंजाब पुलिस, गैर सरकारी संगठनों और आम जनता के साथ मिलकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की पूरी कोशिश कर रही है।