ईयू रिपोर्टर में प्रकाशित एक रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि नई दिल्ली में लाल किले के पास हुआ हालिया आतंकवादी हमला, अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्कों द्वारा उत्पन्न निरंतर खतरे की एक स्पष्ट याद दिलाता है। ये नेटवर्क हमलों को अंजाम देने के लिए वैचारिक और वित्तीय, दोनों ही ढांचों का इस्तेमाल करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय ठिकानों पर हमलों को व्यवस्थित और अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मुख्य संरचनाएं एक बहुस्तरीय हाईब्रिड ढांचे पर निर्भर करती हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठन, छद्म संगठनों के रूप में राजनीतिक हस्तियों, पाकिस्तान के भीतर मध्यस्थ नेटवर्क, राज्य से जुड़े नेटवर्क और छोटे समूहों द्वारा समर्थित समूहों के माध्यम से काम करते है। ये समूह कट्टरपंथ और तकनीकी सहायता के लिए पेशेवरों या छात्रों का उपयोग करते हैं। रिपोर्ट में आगे उल्लेख किया गया है कि इन आतंकवादी नेटवर्कों के लिए धन और आपूर्ति कई स्रोतों से आती है, जिनमें अक्सर अंतरराष्ट्रीय धर्मार्थ या धार्मिक संगठनों के माध्यम से निजी दान और प्रायोजन शामिल हैं। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी नेटवर्कों की चल रही गतिविधियां यूरोप पर कई तरह से नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
Site Admin | नवम्बर 21, 2025 9:34 अपराह्न | Red Fort Attack
ईयू रिपोर्ट: लाल क़िले हमले ने पाकिस्तान-प्रायोजित बहुस्तरीय आतंकी नेटवर्क के वैश्विक खतरे को उजागर किया