राज्यसभा ने आज 54वें विजय दिवस पर राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह दिन 1971 में पाकिस्तान पर भारत की विजय का प्रतीक है। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राज्यसभा के सभापति सी.पी. राधाकृष्णन ने राष्ट्र को ऐतिहासिक विजय दिलाने वाले वीर सशस्त्र बलों के शौर्य और दृढ़ संकल्प को नमन किया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध के परिणामस्वरूप एक स्वतंत्र राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म हुआ।
उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने कहा कि इसने न्याय, मानवीय गरिमा और स्वतंत्रता के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता को मजबूत किया। 13 दिन के इस युद्ध ने भारत की सैन्य कुशलता का प्रदर्शन किया, जो भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना द्वारा अपनाई गई सटीक रणनीति, निर्बाध समन्वय और निडर क्रियान्वयन से प्रमाणित हुई। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और शौर्य की विरासत राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के सामूहिक संकल्प में जनता का मार्गदर्शन करेगी।