राज्यसभा ने आज एक निजी विधेयक, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2024, पर आगे चर्चा की और इसे पारित करने पर विचार किया। यह विधेयक यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 में और संशोधन करने का प्रयास है। यह प्रस्ताव इस वर्ष बजट सत्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – शरदचंद्र पवार – एनसीपी (एससीपी) सांसद डॉ. फौज़िया खान द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
चर्चा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के डॉ. जॉन ब्रिटास ने कहा कि वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप मौजूदा अधिनियम में कुछ बदलावों की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि देश में पोस्को से जुड़े एक लाख 37 हज़ार मामले लंबित हैं। चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के डॉ. अजीत माधवराव गोपछड़े ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और मोदी सरकार ने ऐसे अपराधों से बच्चों की सुरक्षा के प्रति अत्यंत संवेदनशीलता दिखाई है।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संतोष कुमार पी ने निजी विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि विभिन्न मामलों में बच्चों के अधिकारों को भी संरक्षित रखने की आवश्यकता है। अन्य सदस्यों ने भी चर्चा में भाग लिया। चर्चा अधूरी रही।
बाद में, सदन में विशेष मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें कई सांसदों ने लोक महत्व के मुद्दे उठाए। कार्यवाही पूरी होने के बाद, सदन की कार्यवाही आठ दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।