राज्यसभा ने आज भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर अपनी विशेष चर्चा आगे शुरू की।
चर्चा में भाग लेते हुए सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि भारत न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। उन्होंने कहा कि भारतीय मूल्यों के अनुसार, लोकतंत्र में स्वतंत्रता, स्वीकार्यता, समानता और समावेशिता समाहित होते हैं और प्रत्येक नागरिक. को गरिमापूर्ण जीवन जीने की अनुमति देता है।
श्री नड्डा ने कहा कि सरकार इस दृष्टिकोण के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि भारत संविधान सभा के उन सदस्यों का आभारी है, जिन्होंने भारतीय संविधान को आकार दिया। श्री नड्डा ने आरोप लगाया कि अतीत में कांग्रेस पार्टी ने संविधान को ध्वस्त किया। श्री नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला किया और तत्कालीन सरकार के घिनौने इरादों के खिलाफ खडे होने वाले कई न्यायाधीशों को पदोन्नति से वंचित किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राज्यों में स्थिर सरकारों को हटाने के लिए नब्बे बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा कि देश में 1952 से 1967 तक एक राष्ट्र, एक चुनाव लागू था, लेकिन कांग्रेस ने इस व्यवस्था को बिगाड़ दिया।
तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव ने आरोप लगाया कि एक प्रतिशत आबादी देश की 40 प्रतिशत संपत्ति को नियंत्रित कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार मणिपुर मुद्दे पर मौन है। जनता दल यूनाइटेड के नेता और केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर ने विपक्षी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि उसने आपातकाल लगाया और संविधान पर हमला किया। डीएमके पार्टी के पी विल्सन ने आरोप लगाया कि सरकार संसद को कमजोर कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली लोकसभा में पारित 221 से अधिक विधेयक बिना बहस या एक घंटे से भी कम समय की चर्चा से पारित किए गए थे।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि देश के संवैधानिक और सभ्यता के मूल्य बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लिए राष्ट्र प्रथम का मंत्र है और उसने हमेशा राष्ट्र के विकास का समर्थन किया है। श्री यादव ने कांग्रेस पर सरकार के खिलाफ यह झूठ फैलाने का आरोप लगाया कि यदि कि भाजपा लोकसभा चुनाव में सत्ता में आई तो वह संविधान बदल देगी।
श्री यादव ने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने विपक्ष को सबक सिखा दिया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिटास ने कहा कि देश में लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और संघवाद के बिना एकता कायम नहीं रह सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य सरकारों को अस्थिर करने में लगी है।
आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने आरोप लगाया कि घुसपैठियों की आड़ में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के नाम दिल्ली की मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी सांसद के आरोपों का खंडन करते हुए सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि मतदाताओं के नाम हटाने में भी वही प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जो नाम जोड़ने और हटाने के प्रावधान में है। श्री नड्डा ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करने और इसे संवैधानिक परिप्रेक्ष्य में देखने की अपील की। उन्होंने आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी इसे मुद्दा क्यों बना रही है।
श्री सिंह के भाषण के दौरान की गई कुछ टिप्पणियों पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए शोरगुल किया। जनता दल सेक्युलर के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, कांग्रेस के सैयद नसीर हुसैन, तृणमूल की ममता ठाकुर, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, यूपीपीएल के रवंगवरा नारज़री, बीजू जनता दल के निरंजन बिशी, आईयूएमएल के अब्दुल वहाब और अन्य सदस्यों ने भी चर्चा में भाग लिया। चर्चा अभी जारी है।