दिसम्बर 16, 2025 1:24 अपराह्न

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राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की जॉर्डन यात्रा: विदेश मंत्रालय

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की जॉर्डन यात्रा राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही है। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 37 वर्षों में जॉर्डन की यह पहली पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हुई इस यात्रा से भारत-जॉर्डन साझेदारी को नई गति मिली है और दोनों देशों के बीच विश्वास तथा आपसी समझ बढ़ी है।

 

विदेश मंत्रालय में सचिव-दक्षिण डॉ. नीना मल्होत्रा ​​ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल-हुसैन के साथ व्यापक बातचीत की। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की चर्चा के दौरान पारस्परिक हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई। जॉर्डन ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के रुख का समर्थन किया। किंग अब्‍दुल्‍ला ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए दोहराया कि जॉर्डन आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों को अस्वीकार करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कट्टरपंथ विरोधी अभियान में किंग अब्दुल्ला के नेतृत्व और मध्यमपंथी विचारधारा की अग्रणी आवाज के रूप में उनकी भूमिका की सराहना की।

 

डॉ. मल्होत्रा ​​ने बताया कि दोनों पक्षों ने आर्थिक सहयोग की समीक्षा की। जॉर्डन, भारत को फॉस्फेटिक उर्वरकों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। भारत की बढ़ती उर्वरक मांग को पूरा करने के लिए दोनों देशों की कंपनियां, जॉर्डन में और निवेश करने के लिए बातचीत कर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को पांच अरब डॉलर तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, जल प्रबंधन और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई। नवीकरणीय ऊर्जा, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित विभिन्न क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों को अंतिम रूप दिया गया।

 

रुपे कार्ड के उपयोग सहित डिजिटल लेनदेन के एक आशय पत्र पर भी हस्ताक्षर किए गए। स्वच्छ ऊर्जा विकल्प के रूप में नागरिक परमाणु ऊर्जा पर भी बात हुई। पर्यटन और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जॉर्डन के पेट्रा और भारत के एलोरा पर्यटन स्‍थलों के बीच संबंध स्थापित करने के समझौते पर हस्ताक्षर भी किये गये।

 

गाजा की स्थिति सहित क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी चर्चा हुई। डॉ. मल्होत्रा ​​ने कहा कि भारत ने शांति प्रयासों का स्वागत किया और फिलिस्तीन पर अपने रुख को दोहराया। जॉर्डन में भारतीय राजदूत मनीष चौहान ने कहा कि दोनों देश परिवहन, रेलवे और बुनियादी ढांचे के साथ-साथ लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के इच्‍छुक हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा, अनुसंधान सहयोग और शैक्षिक आदान-प्रदान पर प्रमुखता से चर्चा हुई।

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