प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के दौरे पर रहेंगे। वे नालंदा जिले के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन समारोह विश्वविद्यालय परिसर में स्थित सुषमा स्वराज सभागार में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री विश्व धरोहर नालंदा विश्वविद्यालय के प्राचीन अवशेषों का भी दौरा करेंगे, जिनका नवनिर्मित विश्वविद्यालय से गहरा संबंध है।
नालंदा विश्वविद्यालय की कल्पना भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन देशों के बीच एक संयुक्त सहयोग के रूप में की गई है। उद्घाटन समारोह में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भी मौजूद रहेंगे। 17 देशों के मिशन प्रमुखों सहित कई प्रतिष्ठित लोग भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित विश्वविद्यालय का नया परिसर 450 एकड़ में फैला हुआ है। पर्यावरण संरक्षण की थीम पर आधारित परिसर को ‘नेट जीरो’ ग्रीन कैंपस बनाया गया है। परिसर में ऊर्जा सहित अन्य जरूरतों की आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा, पेयजल शोधन और अपशिष्ट जल शोधन के लिए संयंत्र लगाए गए हैं। इसमें 100 एकड़ क्षेत्र में कई जल निकाय और अन्य पर्यावरण अनुकूल सुविधाएं हैं।
विश्वविद्यालय में छात्रों के पहले बैच का नामांकन 2014 में किया गया था और राजगीर में एक अस्थायी परिसर में कक्षाएं शुरू की गई थीं। वर्तमान में विश्वविद्यालय में छह संस्थान हैं जिनमें इतिहास अध्ययन संस्थान, पर्यावरण अध्ययन संस्थान और बौद्ध दर्शन, दर्शनशास्त्र तथा तुलनात्मक धर्म संस्थान शामिल हैं। वैश्विक शांति को बढ़ावा देने और भगवान बुद्ध के दर्शन पर शोध के लिए विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय संबंध और शांति अध्ययन संस्थान की स्थापना की है।
विश्वविद्यालय के छात्रावास की क्षमता 500 छात्रों की है और इसे प्राचीन आवासीय नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर बनाया गया है। विश्वविद्यालय परिसर में दो शैक्षणिक ब्लॉक हैं जिनमें 40 कक्षाएं हैं। कक्षाओं की कुल क्षमता लगभग 1900 छात्रों की है।