प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तेलंगाना के हैदराबाद में सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया इकाई का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विश्व में तेजी से बढ़ रहे घरेलू विमानन बाजारों में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत निवेश और नवाचार का स्वागत करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं-पीएलआई ने भारत में निवेश और नवाचार के लिए वैश्विक कंपनियां को आकर्षित की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि जो देश में निवेश करते हैं वे केवल निवेशक नहीं बल्कि सह-निर्माता हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें विकसित भारत के अंतर्गत हितधारक के रूप में मानती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक निवेश और उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने इतिहास के अब तक के कुछ सबसे परिवर्तनकारी सुधार लागू किये हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया इकाई आत्मनिर्भर और सक्षम भारत बनाने में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि आज के इस कदम से भारत का विमानन उद्योग नए सफर पर चलने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया द्वारा निर्मित इकाई भारत को वैश्विक रख-रखाव, मरम्मत और समग्र निरीक्षण के केंद्र के रूप में स्थापित करने में योगदान देगी।
सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया, अति आधुनिक विमानन प्रोपल्जन इंजन के लिए विशेष इकाई है। ये इंजन एयर बस ए-320नियो और बोइंग-737 मैक्स विमानों के संचालन में गति प्रदान करते हैं। इस इकाई के साथ पहली बार किसी वैश्विक इंजन ओरिजिनल उपकरण निर्माता ने भारत में विशेष रख-रखाव, मरम्मत और समग्र निरीक्षण संचालन स्थापित किया है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार रख-रखाव, मरम्मत और समग्र निरीक्षण केंद्र का निर्माण जीएमआर एयरोस्पेस और औद्योगिक पार्क में 45 हजार वर्ग मीटर में 1300 करोड़ रूपये से अधिक की राशि से किया गया है। यह केंद्र सालाना 300 अति आधुनिक विमानन प्रोपल्जन इंजन पर कार्य कर सकता है। इस आधुनिक इकाई 2035 तक पूरी क्षमता के साथ चालू होने पर एक हजार से अधिक उच्च कौशल युक्त भारतीय टेकनिशियन और इंजीनियर काम करेंगे।
इस अवसर पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और केंद्रीय नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडु की उपस्थिति में सफरान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया के एम-88 सैन्य इंजन की मरम्मत, रख-रखाव और समग्र निरीक्षण के लिए भी आधारशिला रखी गई। यह इकाई भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए काफी मददगार साबित होगी और इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मुख्य भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री से हैदरबाद-बेंगलुरू को रक्षा और एयरोस्पेस गलियारा घोषित करने का आग्रह किया।