राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि देश सही मायने में तब विकसित बनेगा जब जनजातीय लोग भी विकसित बनेंगे। जनजातीय गौरव दिवस की पूर्व संध्या पर आज शाम राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय के लोगों की तीव्र गति से प्रगति राष्ट्र की प्राथमिकता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि देश चाहता है कि जनजातीय समुदायों की सदियों पुरानी पहचान बरकरार रहे और साथ ही वे आधुनिक विकास के पथ पर आगे बढ़ते रहें।
जनजातीय लोगों के जीवन को बेहतर होता देखकर मुझे खुशी होती है।
जनजातीय समुदाय के लगभग 100 लोगों को बीते 10 वर्षों के दौरान पद्म विभूषण, पद्म भूषण व पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है
-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु pic.twitter.com/OULZm2TRqY
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) November 14, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस बात को रेखांकित किया कि वर्तमान सरकार जनजातीयों के विकास और कल्याण की यात्रा को तेज गति से आगे बढ़ा रही है। बडे पैमाने पर कई अभियान और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास और कल्याण के सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों में जनजातीय लोगों को सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय समुदायों के लाभ के लिए विशेष योजनाएं भी लागू की जा रही हैं और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रमुख राष्ट्रीय योजनाओं का लाभ सभी जनजातीय लाभार्थियों तक समय पर पहुंचे।
LIVE: President Droupadi Murmu’s message on the eve of birth anniversary of Bhagwan Birsa Munda, celebrated as Janjatiya Gaurav Divas https://t.co/TfXmsv3WY3
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 14, 2024
उन्होंने कहा की राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्ष जनजातीय गौरव दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए प्रधानमंत्री -जनमन अभियान का उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समुदायों के लोगों का समग्र विकास करना है। इस अभियान के तहत 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तीन वर्ष की समय सीमा से पहले कमजोर जनजातीय समुदायों के लोगों को अनेक सुविधाएं प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर केंद्र सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की धरती से ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ की शुरुआत की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 80 हजार करोड़ रुपये के आवंटन वाले इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक जनजातीय व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। इस राष्ट्रव्यापी अभियान से पांच करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा की राष्ट्रपति ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण लक्ष्य में जनजातीय समाज से सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के लिए धन का आवंटन कई गुना बढ़ा है। वर्ष 2024-25 के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय का बजट 13 हजार करोड़ रुपये है जो पिछले वर्ष के बजट से 74 प्रतिशत अधिक है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि जनजातीय गौरव और संविधान के आदर्शों के प्रति पूरे देश में नई चेतना का प्रसार हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह चेतना प्रयासों में परिवर्तित हो रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह भावना जनजातीय समाज सहित समूचे देश के उज्ज्वल भविष्य की नींव बनेगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि सदियों से जनजातीय समाज के लोग देश की सभ्यता और संस्कृति को समृद्ध करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि रामायण की कथा में समाज के सनातन जीवन मूल्यों की झलक मिलती है। राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान राम अपने लंबे वनवास के दौरान जनजातीय समाज के लोगों के साथ उन्हीं की तरह रहते थे। राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय समाज में आत्मीयता और सद्भाव की यह भावना देश की संस्कृति और सभ्यता का आधार है।
जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि राष्ट्र ‘धरती आबा‘ भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के वर्ष भर चलने वाले समारोहों की शुरुआत कर रहा है। उन्होंने सभी देशवासियों की ओर से भगवान बिरसा मुंडा की पुण्य स्मृति पर उन्हें नमन किया।