प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने के महत्व पर बल दिया है। श्री मोदी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों के साथ बातचीत की। उन्होंने इन शिक्षकों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभाव के बारे में चर्चा की। श्री मोदी ने सुझाव दिया कि शिक्षक विभिन्न भाषाओं में विद्यार्थियों को स्थानीय लोककथाएँ सुनाएं, जिससे विद्यार्थी कई भाषाएँ सीख सकें और भारत की जीवंत संस्कृति से भी परिचित हो सकें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों को भारत की विविधता जानने के लिए शैक्षिक पर्यटन पर ले जाना चाहिए। इससे विद्यार्थियों को सीखने में मदद मिलेगी और अपने देश के बारे में समग्र रूप से जानने में भी सहायता मिलेगी। श्री मोदी ने कहा कि इससे पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ने का सुझाव दिया। श्री मोदी ने शिक्षकों को अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने का भी सुझाव दिया।
पुरस्कार विजेता शिक्षकों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने शिक्षण अनुभव साझा किए। उन्होंने सीखने को और अधिक रोचक बनाने के लिए अपनी दिलचस्प तकनीकों के बारे में भी बात की। शिक्षकों ने अपने नियमित शिक्षण कार्य के साथ-साथ सामाजिक कार्यों के उदाहरण भी साझा किये। प्रधानमंत्री ने उनके साथ बातचीत में शिक्षण के प्रति समर्पण और वर्षों से प्रदर्शित उत्साह की प्रशंसा की।