प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत-ओमान संबंधों में उनके असाधारण योगदान और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए ओमान के सुल्तान हिशाम बिन तारिक द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री की ओमान यात्रा के दौरान यह सम्मान प्रदान किया जाना इस अवसर और रणनीतिक साझेदारी को विशेष महत्व देता है। प्रधानमंत्री ने इस सम्मान को दोनों देशों की सदियों पुरानी मित्रता को समर्पित किया और इसे भारत और ओमान की 14 लाख जनता के बीच के स्नेह और प्रेम का प्रतीक बताया।
इससे पहले, भारत और ओमान ने आज व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते – सी.ई.पी.ए. पर हस्ताक्षर करके अपने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। यह समझौता भारत के कार्यबल के लिए निष्पक्ष और पूर्वानुमानित व्यवस्था और श्रम गतिशीलता सुनिश्चित करेगा, साथ ही ओमान की संप्रभु रोजगार नीति का पूर्ण सम्मान भी करेगा। इस समझौते पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ओमान के वाणिज्य, उद्योग तथा निवेश संवर्धन मंत्री कैस अल यूसुफ ने ओमान के सुल्तान हिशाम बिन तारिक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। दोनों शीर्ष नेताओं ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर को द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर बताते हुए इसका स्वागत किया और कहा कि इससे भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी को काफी मजबूती मिलेगी।
ओमान का 20 वर्षों के बाद किसी देश के साथ यह दूसरा मुक्त व्यापार समझौता – एफ.टी.ए. है, जो एक मित्र राष्ट्र के रूप में भारत के प्रति ओमान के महत्व को दर्शाता है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, व्यवसायों को बेहतर बाजार पहुंच मिलेगी और दोनों देशों के लिए आर्थिक अवसर भी बढ़ेंगे। दोनों पक्षों ने समुद्री विरासत, शिक्षा, कृषि और बाजरा की खेती के क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए।
प्रधानमंत्री ने शाहीमहल में उनके साथ पारस्परिक हित के रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा की, जहां सुल्तान ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और औपचारिक अभिनंदन किया। दोनों नेताओं ने व्यक्तिगत और प्रतिनिधिमंडल स्तर पर बैठकें कीं। उन्होंने बहुआयामी भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी की व्यापक समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर वृद्धि की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत-ओमान संबंधों के लिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि दोनों देश इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।
दोनों नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा, कृषि, प्रौद्योगिकी, नए और उभरते क्षेत्रों, संस्कृति और जन-संबंधों सहित कई विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी चर्चा की। इससे पहले, व्यापार मंच पर, जिसमें भारत और ओमान के उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की अपार संभावनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने ओमान के व्यवसायों को भारत में निवेश और नवाचार करने के लिए आमंत्रित भी किया।
प्रधानमंत्री ने मस्कत में भारतीय समुदाय के सदस्यों की एक विशाल सभा को भी संबोधित किया। श्रोताओं में विभिन्न भारतीय स्कूलों के 700 से अधिक छात्र शामिल थे। इस वर्ष ओमान के भारतीय स्कूलों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि वे देश में अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विविधता भारतीय संस्कृति की नींव है और भारतीय मूल्य लोगों को किसी भी समाज में घुलमिल जाने में मदद करते हैं। ओमान में भारतीय समुदाय के प्रति सम्मान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों के कल्याण के लिए ओमान के सुल्तान हिशाम बिन तारिक के निरंतर समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
पिछले 11 वर्षों में भारत में विभिन्न क्षेत्रों में हुए परिवर्तनकारी बदलावों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत विश्व स्तरीय नवाचार, स्टार्टअप और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करके 21वीं सदी के लिए खुद को तैयार कर रहा है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों के कल्याण के प्रति भारत की गहरी प्रतिबद्धता व्यक्त की। श्री मोदी ने युवाओं से बड़े सपने देखने, गहन ज्ञान प्राप्त करने और साहसिक नवाचार करने का आह्वान किया, ताकि वे मानवता के लिए सार्थक योगदान दे सकें। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहयोग, डिजिटल शिक्षा, नवाचार साझेदारी और उद्यमिता आदान-प्रदान के माध्यम से भारत-ओमान साझेदारी भविष्य के लिए तैयार हो रही है।