प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र वार्ता समय सीमा के बाद भी रात भर जारी रहने के बावजूद गतिरोध में फंस जाने के कारण, वैश्विक समझौता करने का प्रयास एक बार फिर असफल हो गया।
2022 से जारी यह वार्ता अभी भी विभाजित है। लगभग सौ देश प्लास्टिक उत्पादन को सीमित करने का समर्थन करते हैं। वहीं, तेल उत्पादक देश इसके पुनर्चक्रण पर बल देते हैं। लगभग प्रत्येक क्षेत्र के लिए प्लास्टिक के लाभ के बावजूद वैज्ञानिक इसमें पाए जाने वाले विषैले रसायन को लेकर विशेष रूप से चिंतित हैं। प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकडों में टूटने के कारण विषैले रसायन का रिसाव हो सकता है।
वैज्ञानिक चेतावनी देते हैं प्लास्टिक प्रदूषण मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए जोखिम भरा है। सूक्ष्म प्लास्टिक अब मिट्टी, नदियों, हवा और मानव अंगों में पाए जा रहे हैं। 2024 के अंत तक इस समझौते को अंतिम रूप देने का मूल लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस समझौते को सम्पन्न करने का लक्ष्य अब पूरी तरह से संदेह के घेरे में है।
सतत प्रयास का आग्रह करते हुए क्यूबा ने इसे ऐतिहासिक अवसर का चूक जाना बताया है। द्वीपीय राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले पलाऊ ने प्रगति की कमी की आलोचना करते हुए कहा कि वे उस संकट का खामियाजा भुगत रहे हैं जिसमें उनका योगदान बहुत कम है।