विदेश मंत्रालय के कांसुलर, पासपोर्ट और वीज़ा प्रभाग के सचिव अरूण कुमार चैटर्जी ने 7 और 8 सितंबर को भारत-खाड़ी सहयोग परिषद-जीसीसी राजनीतिक संवाद में भागीदारी करने के लिए सऊदी अरब के रियाद का दौरा किया।
श्री चैटर्जी ने खाड़ी सहयोग परिषद के राजनीतिक कार्य और वार्ताओं के सहायक महासचिव डॉक्टर अब्दुलअजीज अलुवाइशेग के साथ व्यापक चर्चा की। श्री चैटर्जी के साथ खाड़ी प्रभार के अपर सचिव श्री असीम आर महाजन भी थे।
भारत और जीसीसी के देश ऐतिहासिक संबंधों को साझा करते हैं। ये संबंध जीवंत व्यापार संबंधों और इस क्षेत्र के देशों में लगभग दस मिलियन भारतीय मूल के लोगों के रहने के कारण सशक्त हुए हैं। द्विपक्षीय व्यापार वित्तीय वर्ष 2024-25 में बढ़कर एक सौ 78 बिलियन हो गया है।
दोनों पक्षों ने भारत-जीसीसी संयुक्त कार्यकारी योजना- 2024-2028 के कार्यान्वयन की समीक्षा की। इस योजना को सितंबर 2024 में भारत और जीसीसी के बीच आयोजित पहली संयुक्त रणनीतिक संवाद मंत्रीस्तरीय बैठक में अंगीकार किया गया था।
चर्चा में राजनीतिक संवाद, सुरक्षा, व्यापार तथा निवेश, कृषि और खाद्य सुरक्षा, परिवहन, ऊर्जा, स्वास्थ्य, संस्कृति और शिक्षा जैसी संयुक्त कार्यकारी योजना के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। दोनों पक्षों में भारत और जीसीसी के बीच उच्च स्तरीय संपर्कों और साझा गतिविधियों को बढ़ाने पर सहमति बनी।
इस बैठक में परस्पर हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मु्द्दों पर विचारों के आदान-प्रदान भी किया गया।
वार्ता के लिए सामान्य समन्वयक और जीसीसी वार्ता दल के प्रमुख डॉक्टर राजा एम मारजूकी के साथ एक अलग बैठक के दौरान श्री चैटर्जी ने भारत-जीसीसी मुक्त व्यापार समझौता के संपन्न करने के महत्व का उल्लेख किया।
दोनों पक्ष तत्काल वार्ता शुरू करने और व्यापार तथा निवेश को विस्तार देने के लिए नए अवसरों को तलाशने पर सहमत हुए।
श्री चैटर्जी सऊदी अरब में भारतीय समुदाय के लिए भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक स्वागत कार्यक्रम में भी शामिल हुए। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त बनाने में भारतीय मूल के लोगों के योगदान की सराहना की तथा इस किंग्डम के आर्थिक विकास में उनकी भूमिका के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने भारतीय समुदाय के कल्याण को समर्थन देने के लिए सऊदी नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया।