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अगस्त 9, 2024 9:03 पूर्वाह्न

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संसद ने वित्त (संख्‍या 2) विधेयक, विनियोग (संख्या-2) विधेयक और जम्मू-कश्मीर विनियोग (संख्या-3) विधेयक, 2024 पारित किया 

 
 

संसद ने वित्त (संख्‍या 2) विधेयक, 2024, विनियोग (संख्या-2) विधेयक, 2024 और जम्मू और कश्मीर विनियोग (संख्या-3) विधेयक, 2024 पारित कर दिया है। इसके बाद राज्यसभा ने चर्चा के बाद इन विधेयकों को लोकसभा को लौटा दिया। लोकसभा इन विधेयकों को पहले ही पारित कर चुकी है।  इसके साथ ही संसद ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट की कार्रवाई पूरी कर ली है।
वित्त विधेयक वित्तीय वर्ष 2024- 2025 के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को प्रभावी बनाता है। विनियोग (संख्या-2) विधेयक वित्तीय वर्ष 2024-25 की सेवाओं के लिए भारत की संचित निधि से कुछ राशियों के भुगतान और विनियोग को अधिकृत करता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की जम्मू और कश्मीर विनियोग (संख्‍या 3) विधेयक वित्तीय वर्ष 2024-25 की सेवाओं के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की समेकित निधि से कुछ रकम के भुगतान और विनियोग को अधिकृत करता है।

 
 
 
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में इन विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार कोविड के बाद से लगातार पूंजीगत व्यय पर ध्यान देकर अधिक से अधिक राशि खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि 2023-24 में प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.02 लाख करोड़ या 18 प्रतिशत आंका जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार यह मानते हुए पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित कर रही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करना होगा। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय के गुणक प्रभाव ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में कायम रखा है और यह इस साल भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।

 
 
उन्‍होंने कहा कि 2024-25 में राज्यों को हस्तांतरण के लिए प्रस्तावित कुल संसाधन 22.91 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसमें 2023-24 की तुलना में 2.49 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि शामिल है। उन्होंने कहा कि इसी तरह सभी केंद्र शासित प्रदेशों के लिए परिव्यय पिछले साल के 61 हजार 118 करोड़ रुपये से बढ़कर इस साल 68 हजार 660 करोड़ रुपये हो गया है।

 
 
सुश्री सीतारमण ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कृषि और उससे संबद्ध क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन में कटौती नहीं की गई है बल्कि अधिक राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 में सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जबकि पिछले बजट में कृषि के लिए 1.44 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे।
 
 
 
उन्होंने यह भी कहा कि इस साल के बजट में महिला एवं बाल विकास के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की गई है। रेल बजट पर, सुश्री सीतारमण ने कहा कि रेल बजट को मुख्य बजट में शामिल करने के बाद से, आवंटन में कमी नहीं आई है, बल्कि वास्तव में इसमें वृद्धि हुई है। वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता पीएम जन धन खाता धारकों या लोगों के पास मौजूद न्यूनतम बुनियादी बचत बैंक जमा खाते पर लागू नहीं होती है और इस पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाता है। कुल 65 करोड़ बुनियादी बचत बैंक खातों में से 52 करोड़ जन धन खाते हैं।
स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी हटाने की विपक्ष की मांग के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा कि इसका फैसला जीएसटी परिषद द्वारा ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा बीमा के संबंध में निर्णय सर्वसम्मति के आधार पर लिए जाते हैं।
  
 
 
 
इससे पहले चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि देश में महिलाओं के लिए विशेष टैक्स स्लैब नहीं है। उन्होंने महिला उद्यमियों के लिए एक समर्पित कार्य परिसर की मांग की। भारतीय जनता पार्टी की रमीलाबेन बारा ने कहा कि यह बजट गरीबों, ग्रामीणों, युवाओं और महिलाओं के लिए है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने इस विधेयक में महिलाओं के हितों के लिए विभिन्न प्रावधान प्रस्तावित किये हैं। तृणमूल कांग्रेस सांसद डोला सेन ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत जीएसटी वापस लेने की मांग की। बाद में, राज्यसभा में सार्वजनिक महत्व के विभिन्‍न मुद्दे विशेष उल्लेख के अंतर्गत उठाए गये।