पााकिस्तान सरेआम आतंकवाद से लड़ने का संकल्प तो लेता है लेकिन उसके द्वारा वैश्विक रूप से प्रतिबंधित आतंकवादियों को पनाह और वैधता देना जारी है। पाकिस्तान में राजनीति और आतंकवाद के बीच गहरी सांठगांठ का उदाहरण तब देखने का मिला जब मुंबई आतंकी हमलों के षडयंत्रकारी हाफिज सईद के भतीजे फैजल नदीम उर्फ अबु कताल को हाल में कराची में एक रैली को संबोधित करते देखा गया। रैली का आयोजन पाकिस्तान मिलि मुस्लिम लीग ने किया था जो लश्करे तैयबा का राजनीतिक मोर्चा है। अमरीका द्वारा प्रतिबंधित वैश्विक आतंकवादी नदीम की रैली में उपस्थिति दर्शाती है कि वह पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्था का सक्रिय हिस्सा है। वो भी एक ऐसी पार्टी का जो अमरीका द्वारा प्रतिबंधित है।
पाकिस्तान द्वारा कट्टरपंथियों और आतंकवादियों को मुख्य धारा में रखने की कोशिश बरसों से हो रही हैं। फैजल नदीम की उपस्थिति आतंकवाद के खिलाफ लडने के पाकिस्तान के दोगलापन को लेकर गंभीर चिंता पैदा करती है। ऐसे कई उदाहरण उपलब्ध हैं जो साबित करते हैं कि लश्कर-ए-तैयबा और जैशे मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठन पाकिस्तानी सेना और सरकार के लिए परोक्ष रूप से काम करते हैं। वैश्विक रूप से प्रतिबंधित आतंकवादी गुट लश्करे तैयबा और अहाले सुन्नत वल जमात कराची में कट्टरपंथी धार्मिक नेतओं के साथ पाकिस्तानी सेना के समर्थन में आयोजित रैली में शामिल हुए।