सभी शोध लेखों को समान पहुँच प्रदान करने के लिए ‘एक देश-एक शुल्क योजना’ अगले वर्ष शुरू होगी। सरकार अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों को उनके शोध प्रकाशनों के लिए एकीकृत सदस्यता शुल्क का भुगतान करेगी। अब तक प्रत्येक संस्थान को इन शोध प्रकाशनों की सदस्यता के लिए स्वयं भुगतान करना होता है।
सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने आज नई दिल्ली में एक संवददाता सम्मेलन में कहा कि यह योजना शोध पत्रिकाओं की सदस्यता को अलग-अलग संस्थानों द्वारा लेने और उस पर होने वाले व्यय को रोकेगी।
हमारे संवाददाता ने बताया है कि छह हजार करोड़ रुपये की यह योजना सरकारी शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को शोध पत्रिकाओं और लेखों तक असीमित पहुंच प्रदान करेगी।