सदन में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में अनुवाद की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है। इसकी घोषणा आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की।
उन्होंने बताया कि सदन की कार्यवाही अब इन सभी भाषाओं में उपलब्ध होगी, जिससे सभी सदस्यों को अपनी बात प्रभावी ढंग से रखने और कार्यवाही को समझने में आसानी होगी।
अभी तक सदन में हिंदी और अंग्रेज़ी के अतिरिक्त असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, कन्नड़, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू भाषाओं में अनुवाद की सुविधा प्रदान की जा रही थी। अब इसमें कश्मीरी, कोंकणी और संथाली भाषाओं को भी शामिल कर लिया गया है।