वैश्विक कच्चे तेल के बाजार में आज शुरुआती कारोबार में तेल की कीमतें दो प्रतिशत से अधिक बढ़कर इस वर्ष जनवरी के बाद के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। ईरान में परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमरीकी हमले के बाद कीमतों में यह उछाल आया है। ईरान ने होर्मुज जल-डमरू-मध्य को बंद करने की धमकी दी है। इसके जरिये से वैश्विक कच्चे तेल की आपूर्ति का लगभग 20 प्रतिशत प्रवाह होता है। इस कारण व्यापक चिंताएँ पैदा हो रही हैं।
इस बीच, अंतिम समाचार मिलने तक ब्रेंट क्रूड लगभग शून्य दशमलव सात प्रतिशत बढ़कर 77 डॉलर और 54 सेंट प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। जबकि वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट क्रूड शून्य दशमलव छह प्रतिशत बढ़कर 74 डॉलर और 34 सेंट प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
इस बीच, अंतिम समाचार मिलने तक इंट्रा-डे ट्रेड में अधिकांश एशियाई बाजारों में गिरावट आई। इंडोनेशिया का जकार्ता दो प्रतिशत से अधिक गिरा, ताइवान वेटेड सूचकांक एक दशमलव चार प्रतिशत से अधिक गिरा, सिंगापुर का स्ट्रेट टाइम्स सूचकांक शून्य दशमलव तीन प्रतिशत से नीचे कारोबार कर रहा था।
दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक शून्य दशमलव दो प्रतिशत से अधिक गिरा, और जापान का निक्केई सूचकांक भी थोड़ी देर पहले शून्य दशमलव एक प्रतिशत से नीचे कारोबार कर रहा था। जर्मनी का डेक्स, फ्रांस का कैक तथा लंदन के फुटसी हंड्रेड भी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।
घरेलू शेयर बाजार का सेंसेक्स और निफ्टी दोपहर में आधा प्रतिशत से अधिक गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। अंतिम समाचार मिलने तक बम्बई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक 466 अंक गिरकर 81 हजार 942 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेज का निफ्टी 117 अंक फिसलकर 24 हजार 995 पर आ गया।