प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि किसी भी देश को महत्वपूर्ण खनिजों, प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखलाओं का अपने स्वार्थ के लिए हथियार के रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए।
रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान संवाद सत्र में श्री मोदी ने कहा कि महत्वपूर्ण खनिजों और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अधिक सहयोग के साथ आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित और लचीला बनाने पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक परियोजनाओं में मांग आधारित निर्णय लेने, वित्तीय स्थिरता और अच्छी क्रेडिट रेटिंग बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में लोगों की प्रगति और कल्याण काफी हद तक प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-एआई पर निर्भर है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ए आई को मानवीय मूल्यों और क्षमता को बढ़ाने के माध्यम के रूप में देखता है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी के लिए ए आई के मंत्र पर काम करते हुए भारत कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और शासन सहित कई क्षेत्रों में एआई का व्यापक और सक्रिय रूप से उपयोग कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि ए आई शासन में समस्याओं के समाधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने को समान महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने एआई के जिम्मेदारी से प्रयोग करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।