नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कहा है कि आठ और नौ सितम्बर को युवा पीढी के नेतृत्व में किए गए आंदोलन और प्रदर्शनों ने देश में व्याप्त भ्रष्टाचार से उपजी युवाओं की असंतुष्टि और आकांक्षाओं को उजागर किया है। टुंडीखेल के सेना परेड मैदान में आज आयोजित राष्ट्रीय दिवस समारोह और संविधान दिवस को प्रधानमंत्री कार्की ने संबोधित किया। इस संबोधन में उन्होंने कहा कि यह आंदोलन आंशिक रूप से संविधान की भावना के अनुरूप सुशासन, समृद्धि और विकास में कमी तथा युवाओं में बढती कुंठाओं तथा अपूर्ण उम्मीदों के कारण हुआ है।
श्रीमती कार्की ने कहा कि लोकतंत्र लोगों की आवाजों को सुनने, उन्हें वार्ता में शामिल करने और उनका समाधान तलाशने की एक व्यवस्था है।
प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार युवाओं, महिलाओं, बच्चों, दिव्यांगों, दलितों, स्वदेशी लोगों, मधेसियों, थारू, पिछडे वर्गों के लोगों और सभी पीढियों के लोगों की आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करने के लिए दृढ संकल्प के साथ कार्य करना जारी रखेगी। प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि युवाओं के आंदोलन के दौरान क्षतिग्रस्त हुए सार्वजनिक बुनियादी ढांचों का पुनर्निर्माण करने और देश के विकास के लिए उद्यमों की हुई हानि पर काबू पाने की चुनौती है।
संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कार्की ने विगत में लोगों के आंदोलन और हाल के युवाओं के आंदोलन के दौरान अपना बलिदान देने वाले सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस समारोह में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, उपराष्ट्रपति रामसहाय प्रसाद यादव, मुख्य न्यायाधीश प्रकाशमान सिंह राउत, स्पीकर देवराज घिमिरे, नेशनल असेंबली के चेयरमैन नारायण प्रसाद दहल, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. बाबूराम भट्टाराई, संवैधानिक निकायों के प्रमुख और प्रतिनिधि, नेपाल सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, सुरक्षा निकायों के प्रमुख और अधिकारी, तथा नेपाल में विदेशी मिशनों के प्रमुख शामिल हुए।