सर्वोच्च न्यायालय ने आज निर्देश दिया है कि 15 जून को होने वाली राष्ट्रीय स्नातकोत्तर पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा- नीट-पीजी दो पालियों के स्थान पर अब एक ही पाली में आयोजित की जाए। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे एक ही पाली में परीक्षा कराने की व्यवस्था करें और यह सुनिश्चित किया जाए कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
पीठ ने कहा है कि दो पालियों में प्रश्नपत्र कभी भी एक ही कठिनाई स्तर के नहीं हो सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय नीट-पीजी परीक्षा के संचालन में पारदर्शिता की कमी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
नीट-पीजी के उम्मीदवारों ने न्यायालय के समक्ष दायर अपनी याचिका में दावा किया है कि दो पालियों की शुरूआत, सामान्यीकरण पद्धति और टाई-ब्रेकर मानदंड में बदलाव ने चिकित्सा विद्यार्थियों पर प्रतिकूल असर डाला है।