प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज के बीच आज गुजरात के वडोदरा में शिष्टमंडल स्तर की बातचीत में विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ। दोनों नेताओं ने संयुक्त वक्तव्य में संवहनीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन नियंत्रण उपायों में सहयोग बढाने पर सहमति व्यक्त की। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में शीघ्र सहमति तक पहुंचने के उपायों पर भी विचार विमर्श हुआ। स्पेन ने भारत को सूखे की समस्या के समाधान के लिए अन्तर्राष्ट्रीय गठबंधन में शामिल होने को आमंत्रित किया। समुचित तैयारी और रोकथाम उपायों के जरिये सूखे की समस्या से निपटने के लिए वर्ष 2022 में इस गठबंधन की शुरूआत हुई थी।
दोनों नेताओं ने सभी प्रकार के आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की भर्त्सना की। दोनों नेताओं ने कहा कि आतंकवाद अन्तर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गम्भीर खतरा है और इसकी साजिश करने वालों को तुरन्त न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने अलकायदा , इस्लामिक स्टेट, लश्करे तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद सहित, सुरक्षा परिषद द्वारा सूचीबद्ध सभी आतंकवादी गुटों के खिलाफ समन्वित कार्रवाई पर बल दिया।
श्री मोदी और श्री सांचेज ने दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी सम्पर्क और दूतावास सेवायें बढाने के उद्देश्य से स्पेन के बार्सिलोना में भारत का पहला महावाणिज्य दूतावास खुलने और बेंगलूरू में स्पेन का महावाणिज्य दूतावास खोलने के निर्णय का स्वागत किया।
दोनों नेताओं ने मुक्त व्यापार समझौता, निवेश सुरक्षा संधि और भौगोलिक संकेत संबंधी समझौते पर बातचीत आगे बढाने के लिए भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक भागीदारी मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने यूक्रेन में चले रहे युद्ध पर गहरी चिन्ता व्यक्त की और अन्तर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप शांति बहाल किये जाने पर बल दिया। पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।
विदेश मंत्रालय में पश्चिम मामलों के सचिव तन्मय लाल ने मीडिया को बताया कि दोनों देशों के बीच विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इनमें रेल परिवहन, सीमा शुल्क, निेवेश के लिए वित्तीय व्यवस्था और सांस्कृतिक आदान-प्रदान शामिल हैं। श्री तन्मय लाल ने बताया कि दोनों देश वर्ष 2026 को संस्कृति, पर्यटन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्ष के रूप में मनायेंगे।
भारत और स्पेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। स्पेन की लगभग दो सौ 40 कम्पनियां भारत में काम कर रही हैं।