त्रिपुरा में दो संगठनों नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा-एनएलएफटी और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स-एटीटीएफ के पांच सौ से अधिक उग्रवादियों ने आज बडी संख्या में हथियार और गोला-बारूद के साथ आत्मसमर्पण किया। वे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री माणिक साहा, राज्य के मुख्य सचिव जे के सिन्हा, पुलिस महानिदेशक अमिताभ रंजन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन उग्रवादियों के मुख्यधारा में शामिल होने से विकास को गति मिलेगी और राज्य मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के कई संगठनों के साथ कुल 12 समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसमें अकेले त्रिपुरा के साथ तीन समझौते हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन समझौतों से क्षेत्र में शांति लाने में मदद मिली है।
चार सितंबर को गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नई दिल्ली में केंद्र सरकार, त्रिपुरा सरकार और एनएलएफटी और एटीटीएफ के बीच त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।