इस्राइल और ईरान के बीच एक-दूसरे पर मिसाइली हमले आज आठवें दिन भी जारी रहे। इस युद्ध से बढती वैश्विक चिंता और कूटनीतिक शिथिलता के बीच यूरोपीय विदेश मंत्री आज जिनेवा में ईरानी अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी के विदेश मंत्रियों की ईरान के साथ आधिकारिक वार्ता फिर शुरू हो गई है।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने संयुक्त राष्ट्र में वार्ता से पहले अपने देश पर इस्राइल के हाल के मिसाइली हमलों की निंदा की और इन्हें गंभीर युद्ध अपराध तथा कूटनीतिक विश्वासघात बताया। अराकची ने बताया कि ईरान 15 जून को अमरीका के साथ अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर बेहतर समझौते को अंतिम रूप देना चाहता था लेकिन इस्राइली हमलों के बाद यह वार्ता पटरी से उतर गई। ईरानी विदेश मंत्री ने इस्राइली हमलों के जारी रहते हुए अमरीका के साथ किसी भी परमाणु वार्ता से साफ इंकार किया। उन्होंने कहा कि इस्राइली हमलों के रूकने तक वार्ता की कोई गुंजाइश नहीं है।
दोनों देशों के बीच हमले का ताजा दौर शुक्रवार सवेरे शुरू हुआ जब ईरान ने हाफिया बन्दरगाह शहर समेत इस्राइल के उत्तरी मध्यवर्ती और दक्षिणी हिस्सों पर हमला किया। इन हमलों से इस्राइल में खतरे के सायरन गुंजने लगे और लोग सुरक्षित ठिकानों की तरफ भागने लगे। जवाबी कार्यवाही में इस्राइल ने कल रात ईरान के कई सैन्य और मिसाइल उत्पादन केंद्रों पर अनेक हमले किये।
ईरान और इस्राइल के बीच चल रहे संघर्ष ने पश्चिम एशिया के ऊर्जा क्षेत्र में भी हलचल मचा दी है।
इस्राइल द्वारा उत्तरी डोम गैस क्षेत्र को निशाना बनाए जाने के बाद कतर में प्रमुख ऊर्जा फर्मों के साथ आपातकालीन बैठकें चल रही हैं। यह क्षेत्र ईरान और कतर द्वारा संयुक्त रूप से साझा किया जाने वाला सबसे बड़ा ज्ञात प्राकृतिक गैस भंडार है। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस हमले ने क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि वैश्विक तेल बाजार खाड़ी से तेल आपूर्ति को लेकर और भी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
इन हमलों ने कतर के लिए दुविधा पैदा कर दी है क्योंकि उसे ईरान के साथ अपने महत्वपूर्ण आर्थिक संबंधों को बरकरार रखते हुए अमरीका के साथ अपने घनिष्ठ रणनीतिक गठबंधन को भी जारी रखना है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया अभी भी संतुलित है। अमरीका ने इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति को मजबूत किया है और इसे एहतियाती कदम बताया है। एक तीसरा अमरीकी नौसेना विध्वंसक पूर्वी भूमध्य सागर में पहुंच चुका है, जबकि यूएसएस निमित्ज़ वाहक स्ट्राइक समूह अरब सागर की ओर बढ़ रहा है।
इस बीच, रूस ने कड़ी चेतावनी जारी की है। रूस ने कहा है कि अगर इस्राइल, अमरीकी समर्थन के साथ, ईरान के सर्वोच्च नेता को निशाना बनाता है तो यह बहुत नकारात्मक कदम होगा। इस बीच, ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी है। तेहरान और अन्य शहरों में हज़ारों लोग इकट्ठा हुए हैं, वे इज़राइल के ख़िलाफ़ अपना गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं और लड़ाई शुरू होने के बाद से मारे गए ईरानी कमांडरों की तस्वीरें लेकर चल रहे हैं।
यूरोपीय शक्तियों का कूटनीतिक प्रयास मामले को बढ़ने से रोकने का एक ज़रूरी प्रयास है क्योंकि दोनों पक्ष झुकने से इनकार कर रहे हैं। यूरोपीय विदेश मंत्री ईरान को बातचीत पर वापस लौटने के लिए मनाने का प्रयास कर रहे हैं। उधर, ईरानी अधिकारी इस बात पर अड़े हुए हैं कि बातचीत दबाव में आगे नहीं बढ़ सकती। इन कूटनीतिक कदमों का समय ट्रम्प की कूटनीतिक गतिविधि के लिए दो सप्ताह की समय सीमा के अनुकूल है, जिससे किसी भी संभावित अमरीकी सैन्य कार्रवाई से पहले तनाव कम करने के लिए एक छोटा सा रास्ता बचा हुआ है।
यह मामला द्विपक्षीय संबंधों से कहीं आगे हैं, क्योंकि युद्ध व्यापक पश्चिम एशियाई क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजारों को अस्थिर कर सकता है, जिससे वर्तमान कूटनीति की सफलता या विफलता अंतरराष्ट्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हो जाती है।