उपभोक्ताओं को होने वाली कॉल-ड्रॉपिंग की समस्या पर संचार मंत्रालय काम कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय वर्ष में चार बार के बजाय अब हर महीने इसकी निगरानी कर रहा है।
सरकार संचार मापदंडों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुरूप बनाने की कोशिश कर रही है। इसका पालन नहीं करने वाली कंपनियों पर वित्तीय प्रतिबंध लगाया जाएगा।
टेलीमार्केटिंग कॉल की समस्याओं से निपटने के लिए टेलीकॉम दुरुपयोग की वास्तविक समय की जानकारी को ट्रैक करने के लिए भी एक डिजिटल इंटेलिजेंस इकाई का गठन किया गया है।