सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने आज गोवा के पणजी में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव- इफ्फी के अवसर पर सह-निर्माण पर राजदूतों की गोलमेज बैठक की अध्यक्षता की। प्रतिभागियों ने पायरेसी विरोधी उपायों को मजबूत करने, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सह-निर्माण का विस्तार करने और वैश्विक फिल्म समारोहों में भारतीय सिनेमा को बढ़ावा देने पर चर्चा की।
इस अवसर पर डॉ. मुरुगन ने अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सह-निर्माण का आह्वान करते हुए कहा कि भारत स्वयं को विश्व के लिए एक स्टूडियो के रूप में स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षों में घरेलू मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र का आकार 31 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है।
श्री मुरूगन ने कहा कि यह सह-निर्माण भारत और उसके प्रवासी समुदाय के लिए अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों के द्वार खोल सकता है। डॉ. मुरुगन ने पायरेसी का मुद्दा भी उठाया।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह गोलमेज बैठक प्रतिभाओं की गतिशीलता का पता लगाने, तकनीकी नवाचार को बढ़ाने, पायरेसी के विरुद्ध रणनीति को मजबूत करने, सीमा पार फिल्म निर्माण को सरल बनाने और सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व बढ़ाने में मदद करेगी।
इस बीच सूचना और प्रसारण सचिव संजय जाजू ने मीडिया और मनोरंजन उद्योग को आकार देने के लिए अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया।
उन्होंने आश्वासन दिया कि देश में विश्व स्तरीय स्टूडियो और बढ़ती वीएफएक्स तकनीक के साथ भारत अंतर्राष्ट्रीय स्टूडियो और फिल्म निर्माताओं की सभी फिल्म निर्माण आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।
इस गोलमेज सम्मेलन में टोगो, मोरक्को, आयरलैंड, क्यूबा, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, इस्राइल, गुयाना और कोट डी आइवर के राजदूतों ने भाग लिया।