विश्व बैंक ने कहा है कि चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों के बीच भारत की अर्थव्यवस्था का मध्यम अवधि दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है।
विश्व बैंक के नवीनतम भारत विकास रिपोर्ट- ”बदलते वैश्विक संदर्भ में भारत के व्यापार अवसर” के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में विकास दर 7 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। इसके 2025-26 और 2026-27 में भी मजबूत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत बहुत तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था है और वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 8.2 प्रतिशत की तीव्र गति से आगे बढ़ा है। इसका कहना है कि सार्वजनिक अवसंरचना निवेश द्वारा विकास को बढ़ावा मिला है और रियल स्टेट में घरेलू निवेश अधिक हुए हैं। इसमें विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यापार की महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया गया है। वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य हाल के वर्षों में अधिक संरक्षणवाद का साक्षी रहा है।
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि भारत ने राष्ट्रीय रसद नीति और डिजिटल पहल के माध्यम से अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाया है जिससे व्यापार लागत कम हो रही है।
इस बीच, भारत में विश्व बैंक के निदेशक ऑगस्टे तानो कौमे ने रेखांकित किया है कि मुद्रास्फीति में गिरावट के साथ ही भारत में विकास की मजबूत संभावनाओं से गरीबी को कम करने में मदद मिलेगी।