कोयला मंत्रालय ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण और संसाधन उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ताप विद्युत संयंत्रों से उड़ने वाली राख (फ्लाई ऐश) के उचित निपटान और फिर से इस्तेमाल के लिए उचित उपाय किए जा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा है कि फ्लाई ऐश निपटान के लिए 13 ताप विद्युत संयंत्रों को 19 खदानें आवंटित की गई हैं। फ्लाई ऐश निपटान के लिए कोयला मंत्रालय कोल इंडिया के अनुषंगी संगठन केन्द्रीय खान योजना और डिजाइन संस्थान के सहयोग से खान आवंटन प्रक्रिया का केंद्रीकृत पोर्टल बना रहा है। इससे सुव्यवस्थित परिचालन के साथ पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित होगी।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार फ्लाई ऐश कोयला जलने से बारीक कणों से बनती है। ये हल्के कण उत्सर्जित गैसों के साथ ऊपर उठ जाते हैं। इस राख के निर्माण गतिविधियों में उपयोग से अपशिष्ट में कमी आ सकती है। इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो सकेगा।