माओवादियों ने कथित रूप से पत्र के माध्यम से सशस्त्र संघर्ष पर विराम लगाने का प्रस्ताव दिया है और शांति वार्ता के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की है। सूत्रों के अनुसार सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति ने तमिल भाषा में यह पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से ऑपरेशन कगार को रोकने का अनुरोध किया है।
इस पत्र के जवाब में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार हर तरह की सार्थक बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए पहले से कोई शर्तें नहीं होनी चाहिए।
रायपुर में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर नक्सली वास्तव में मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं और बातचीत के लिए तैयार हैं तो उन्हें सार्वजनिक रूप से अपने प्रतिनिधि का नाम और शांति वार्ता के लिए शर्तें बतानी होंगी।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि यदि नक्सली संविधान का सम्मान नहीं करते और समानांतर प्रणाली को लागू करने का प्रयास करते हैं तो कोई भी वार्ता न्यायसंगत नहीं होगी। श्री शर्मा ने कहा कि सरकार का रूख बिल्कुल स्पष्ट है और वार्ता के लिए उसके द्वार खुले हैं लेकिन हिंसा और खून-खराबे से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस समस्या के लिए कोई भी सार्थक समाधान तभी संभव है जब माओवादी अपने हथियार छोड़ कर आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार हो जाएं।