अगस्त 31, 2025 1:14 अपराह्न

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मन की बात: आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पीएम मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ पर दिया जोर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश को स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने यानी वोकल फॉर लोकल, आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के मंत्र के साथ आगे बढ़ना होगा। आज आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि त्योहारी मौसम के दौरान देशवासियों को स्वदेशी को ध्यान में रखना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि उपहार, कपड़े और साज-सज्जा की वही चीज़ें लें, जो मेड इन इंडिया यानी भारत में बने हों अथवा भारत की सामग्री से तैयार हुए हों। जीवन से जुड़ी हर चीज़ स्वदेशी होनी चाहिए।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि त्यौहारों के उत्सव के दौरान सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए तो उत्साह और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना देश के विकास के लिए बहुत ज़रूरी है और इसमें खेल की बड़ी भूमिका है। श्री मोदी ने कहा कि जो खेलेगा, वह खिलेगा। उन्होंने श्रीनगर में आयोजित प्रथम खेलो इंडिया जलक्रीड़ा उत्सव की चर्चा की जिसमें देशभर से 800 एथलीट ने भागीदारी की थी। इस आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री ने दो खिलाड़ियों, ओडिशा की रश्मिता साहू और श्रीनगर के मोहसिन अली के साथ बातचीत की जिन्होंने स्वर्णपदक जीते थे।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पुलवामा में रॉयल प्रीमियर लीग के लिए आयोजित दिन-रात के पहले क्रिकेट मैच में रिकार्ड संख्या में खेलप्रेमी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हज़ारों उत्साही लोग और ख़ासकर युवा पुलवामा में रात में क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं जो एक देखने वाला नज़ारा होता है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मानसून के मौसम में प्राकृतिक आपदाएं देश को कसौटी पर कस रही हैं। पिछले कुछ हफ़्तों में हमने बाढ़ और भू-स्खलन का बड़ा कहर देखा है। श्री मोदी ने कहा कि इन घटनाओँ ने हर हिंदुस्तानी को दुखी किया है और जिन परिवारों ने अपने प्रियजन खोए हैं, उनका दर्द हम सबका दर्द है। उन्होंने कहा कि जहां भी संकट आया, वहां के लोगों को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल और अन्य सुरक्षा बल- सभी दिन-रात जुटे रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जवानों ने तकनीक का सहारा भी लिया है। उन्होंने कहा कि थर्मल कैमरा, लाइफ डिटेक्टर, खोजी कुत्तों और ड्रोन जैसे आधुनिक संसाधनों की मदद से राहत कार्य में तेज़ी लाने की भरपूर कोशिश की गई। आपदा की घड़ी में, सेना भी मददगार बनकर सामने आई। श्री मोदी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में स्थानीय लोगों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों और प्रशासन–हर किसी ने हरसंभव प्रयास किए हैं। उन्होंने इस कठिन समय में मानवीयता को सबसे ऊपर रखने वाले प्रत्येक नागरिक को धन्यवाद दिया है।

 

प्रधानमंत्री ने डिजिटल ऐप प्रतिभा सेतु की चर्चा की जिसमें उन होनहार विद्यार्थियों का डेटा रखा गया है जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग-यूपीएससी की परीक्षाओं के सभी चरण पास किए, लेकिन अंतिम मेधा-सूची में जिनका  नाम नहीं आ पाया। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के ज़रिए निजी कंपनियां इन होनहार विद्यार्थियों की जानकारी लेकर उन्हें अपने यहां नियुक्ति दे सकती हैं। श्री मोदी ने कहा कि इसके नतीज़े भी आने लगे हैं और ऐसे सैकड़ों उम्मीदवारों को इस पोर्टल की मदद से तुरंत नौकरी मिली है और वे युवा जो बहुत मामूली अंतर से चूक गए थे, अब नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

 

प्रधानमंत्री ने मशहूर पॉडकास्टर लैक्‍स फ्रीडमैन के साथ हुई बातचीत की चर्चा करते हुए कहा कि जर्मनी के फुटबॉल खिलाड़ी और प्रशिक्षक डिटमर बेयर्सडोर्फर ने उस पोडकॉस्‍ट को सुना और वे मध्यप्रदेश के शहडोल के युवा फुटबॉल खिलाड़ियों की जीवन-यात्रा से बहुत प्रभावित और प्रेरित हुए। श्री मोदी ने बताया कि अब श्री डिटमर ने जर्मनी की एक अकादमी में शहडोल के कुछ खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की पेशकश की है। प्रधानमंत्री ने प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि भारत में फुटबॉल की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। उन्‍होंने फुटबॉल प्रेमियों से आग्रह किया कि वे समय मिलने पर शहडोल ज़रूर जाएं और वहां हो रही खेल क्रांति को क़रीब से देखें।

 

प्रधानमंत्री ने गुजरात के सूरत के जितेंद्र सिंह राठौड का जिक्र किया, जो पेशे से सुरक्षागार्ड हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वे उन जवानों के बारे में जानकारियां जुटा रहे हैं जिन्होंने भारत माता की रक्षा में अपने प्राण न्यौझावर किए हैं।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव ला रही है। उन्‍होंने बिहार के मुजफ्फरपुर की देवकी का जिक्र किया जिन्‍होंने एक सौर पंप के ज़रिए अपने गांव की तस्वीर बदल दी। श्री मोदी ने बताया कि पहले वहां केवल कुछ ही एकड़ जमीन में सिंचाई हो पाती थी, लेकिन अब सोलर दीदी के सौर पंप से 40 एकड़ से अधिक में पानी पहुंच रहा है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि रामायण और भारतीय संस्‍कृति के प्रति प्रेम अब दुनिया के हर कोने में बढ़ रहा है। उन्‍होंने रूस के व्‍लादिवोस्‍तोक की चर्चा की जहां एक अनूठी प्रदर्शनी आयोजित की गई थी। श्री मोदी ने बताया कि प्रदर्शनी में रूस के बच्‍चों ने रामायण के प्रसंगों पर आधारित चित्रों का प्रदर्शन किया और एक प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व के अलग-अलग कोने में भारतीय संस्‍कृति के प्रति बढ़ती जागरूकता को देखकर बहुत प्रसन्‍नता होती है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्‍व के छोटे शहरों में भी भारतीय संस्कृति का प्रभाव देखा जा सकता है। उन्‍होंने इटली के कैंपरोटोंडो में महर्षि वाल्मीकि और कनाडा के मिस्‍सीससोगा में भगवान श्रीराम की प्रतिमाओं के अनावरण का जिक्र किया।

 

1947 में हैदराबाद की घटनाओं के बारे में लौह पुरूष सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की ऑडियो रिकार्डिंग साझा करते हुए श्री मोदी ने बताया कि अगले महीने देश, हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाएगा और ऑपरेशन पोलो में भाग लेने वाले सभी वीरों के साहस का स्‍मरण करेगा। उन्‍होंने कहा कि अगस्‍त 1947 में भारत के स्‍वतंत्र होने के बाद भी हैदराबाद की स्थिति अलग थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि निज़ाम और रज़ाकारों के अत्‍याचार दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे थे और तिरंगा फहराने या वंदे मातरम कहने पर लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाता था। उन्‍होंने बताया कि सरदार पटेल ने इस मामले को अपने हाथ में लिया और ऑपरेशन पोलो शुरू करने के लिए सरकार को तैयार किया। इसके बाद सशस्‍त्र बलों ने हैदराबाद को निज़ाम की तानाशाही से आजाद कराया और इसे भारत का हिस्‍सा बनाया।

 

प्रधानमंत्री ने बताया कि 15 सितम्‍बर को भारत के महान इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्‍वेश्‍वरैय्या का जन्‍मदिन है जिसे इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्‍होंने कहा कि इंजीनियर केवल मशीनें नहीं बनाते, वे सपनों को हकीकत में बदलने वाले कर्मयोगी हैं। श्री मोदी ने देश के इंजीनियर समुदाय को शुभकामनाएं दीं।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि 17 सितंबर को विश्‍वकर्मा जयंती है। श्री मोदी ने बताया कि यह दिवस उन विश्‍वकर्मा बंधुओं को समर्पित है जो परंपरागत शिल्‍प, कौशल और ज्ञान-विज्ञान को अनवरत एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि बढ़ई, लुहार, सुनार, कुम्‍हार और शिल्‍पकार हमेशा से भारत की समृद्धि का आधार रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि इनकी मदद के लिए ही सरकार ने विश्‍वकर्मा योजना चलाई है।