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अप्रैल 1, 2025 6:43 अपराह्न

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लोकसभा ने तटीय नौवहन विधेयकः2024 को विचार और पारित करने के लिए सदन के पटल पर रखा

लोकसभा ने तटीय नौवहन विधेयक, 2024 को विचार और पारित करने के लिए सदन के पटल पर रखा है। इस विधेयक का उद्देश्य तटीय नौवहन के विनियमन से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करना, तटीय व्यापार को बढ़ावा देना और घरेलू भागीदारी को प्रोत्साहित करना है। विधेयक यह सुनिश्चित करेगा कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और वाणिज्यिक आवश्यकताओं के लिए देश के नागरिकों के स्वामित्व और संचालन वाले तटीय बेड़े से सुसज्जित हो।

 

    विधेयक को पेश करते हुए, बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य भारत के विशाल और रणनीतिक तटरेखा की पूरी क्षमता को अनलॉक करना है, जो नौ तटीय राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में 11 हजार 98 किलोमीटर से अधिक तक फैली हुई है।

 

उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र अत्यधिक बोझ वाले सड़क और रेल नेटवर्क के लिए कम लागत वाले, विश्वसनीय और टिकाऊ विकल्प की तलाश कर रहा है। यह विधेयक तटीय व्यापार के लिए एक समर्पित कानूनी ढांचे के साथ समुद्री क्षेत्र को एक बहुत जरूरी बढ़ावा देता है।

 

    उन्‍होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि विधेयक का प्रावधान तटीय नौवहन क्षेत्र के विकास के लिए राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप भी है। श्री सोनोवाल ने कहा कि शिपिंग क्षेत्र परिवहन के सबसे लागत प्रभावी स्रोतों में से एक है और यह देश के लिए लॉजिस्टिक्स की समग्र लागत को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

 

     उन्‍होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि विधेयक का प्रावधान तटीय नौवहन क्षेत्र के विकास के लिए राष्ट्रीय रसद नीति के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप भी है। श्री सोनोवाल ने कहा कि नौवहन क्षेत्र परिवहन के सबसे लागत प्रभावी स्रोतों में से एक है और यह देश के लिए रसद की समग्र लागत को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

 

    चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा के अरुण गोविल ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य भारत के तटीय व्यापार को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में तटीय नौवहन पर विदेशियों का दबदबा है। श्री गोविल ने कहा कि इस विधेयक में भारतीय स्वामित्व वाले जहाजों को छोड़कर अन्य जहाजों को भारतीय जल क्षेत्र में बिना लाइसेंस के नौवहन करने से रोकने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि भारतीय जहाजों को कुछ नियमों के साथ व्यापार करने की अनुमति दी जा रही है।

 

श्री गोविल ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से लोगों के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे और जहाज निर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा। टीएमसी के सौगत रॉय ने कहा कि तटीय नौवहन सस्ता है और वर्तमान में जलमार्ग कुल परिवहन के केवल 6 दशमलव 4 प्रतिशत हिस्से पर है, जो चीन और जापान जैसे देशों की तुलना में बहुत कम है।

 

श्री रॉय ने कहा कि विधेयक में 2030 तक हिस्सेदारी बढ़ाकर 7 दशमलव 5 प्रतिशत और 2047 तक 12 प्रतिशत करने का प्रावधान है। विधेयक पर चर्चा चल रही है। इससे पहले, विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।