लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुंबई में संसद और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के विधान निकायों की प्राक्कलन समितियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि प्राक्कलन समितियों ने शासन की कार्यकुशलता में सुधार लाने और प्रशासनिक सुधारों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ इन समितियों ने नागरिक कल्याण के लिए सिफारिशें की हैं, जिनमें से लगभग 90 प्रतिशत को लागू किया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक तकनीक के उपयोग से इन समितियों के कामकाज को और बेहतर बनाया जा सकता है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि प्राक्कलन समितियाँ शासन में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि सार्वजनिक धन का व्यय अनुमानों में उल्लिखित नीतियों के अनुरूप हो।
श्री बिरला ने संसद की प्राक्कलन समिति की 75वीं वर्षगांठ स्मारिका का भी विमोचन किया।
दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान, संसद और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के विधायी निकायों की प्राक्कलन समितियों के अध्यक्ष और सदस्य, ‘प्रशासन में दक्षता और मितव्ययिता सुनिश्चित करने के लिए बजट अनुमानों की प्रभावी निगरानी और समीक्षा में प्राक्कलन समिति की भूमिका’ विषय पर विचार-विमर्श करेंगे।