लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि 10वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ- सीपीए भारत क्षेत्र सम्मेलन में विधानसभाओं के डिजिटलीकरण, विधायकों की क्षमता निर्माण, सतत और समावेशी विकास में विधायी निकायों की भूमिका सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। श्री बिरला ने सीपीए भारत क्षेत्र के अध्यक्ष होने के नाते आज नई दिल्ली में सम्पन्न हुई इस दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता की। इस सम्मेलन में 25 विधानसभा अध्यक्ष, चार सभापति और राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के विधानमंडलों के 22 पीठासीन अधिकारी भी मौजूद थे।
सम्मेलन के बाद संवाददाताओं से बातचीत में श्री बिरला ने कहा कि बैठक के दौरान सभी प्रतिभागियों की राय थी कि विधायी निकायों को और अधिक सक्रिय बनाया जाना चाहिए ताकि सतत और समावेशी विकास का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि विधानसभाओं में अपनाए गए नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं को भी प्रतिभागियों के साथ साझा किया गया। श्री बिरला ने कहा कि विधानसभाओं के डिजिटीकरण को पूरा करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई ताकि एक राष्ट्र एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
सीपीए भारत क्षेत्र का गठन वर्ष 2004 में तत्कालीन सीपीए एशिया क्षेत्र के नौ क्षेत्रों में से एक के रूप में किया गया था। वर्तमान में इसकी 31 सदस्य शाखाएं हैं, जिनमें भारत की संसद और 30 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाएं शामिल हैं।