लोकसभा ने लदान विधेयक-2024 पारित कर दिया। यह विधेयक लदान जारी करने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने वाले भारतीय लदान अधिनियम-1856 का स्थान लेगा।
यह विधेयक पोत परिवहन क्षेत्र के लिए, विशेष रूप से व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने विधेयक पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि यह विधेयक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि देश में समुद्री और बंदरगाह क्षेत्र में कई बदलाव लाए जा रहे हैं और यह कानून इसी का हिस्सा है।
श्री सोनोवाल ने कहा कि यह व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कानून है। उन्होंने कहा कि देश के कानूनों में राष्ट्र की विशिष्ट पहचान को प्रतिबिंबित किया जाना चाहिए और औपनिवेशिक युग के कानूनों को समाप्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह कानून समकालीन वैश्विक समुद्री क्षेत्र में व्यापार करने में सुगमता बढान के उद्देश्य से काम करेगा। श्री सोनोवाल ने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2047 तक भारत आत्मनिर्भर और दुनिया के शीर्ष विकसित देशों में शामिल हो जाएगा।
कांग्रेस के मुहम्मद हमदुल्ला सईद, भारतीय जनता पार्टी के विभु प्रसाद तराई, तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल, द्रविण मुनेत्र कझगम के कलानिधि वीरस्वामी, जनता दल यूनाइटेड के आलोक कुमार सुमन, शिवसेना -यूबीटी के अरविंद सावंत, तेलगुदेशम पार्टी के मथुकुमिल्ली श्रीभरत, समाजवादी पार्टी के वीरेंद्र सिंह, सहित अन्य सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया।