लोकसभा ने वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान के प्रथम बैच के लिए पूरक मांगों की मंजूरी दे दी है। सरकार ने 87 हजार सात सौ 62 करोड़ से अधिक रूपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए संसद की मंजूरी की मांग की। इसमें से, प्रस्तावों में ऋण, देनदारियों और ब्याज दरों के भुगतान के लिए 44 हजार एक सौ 42 करोड़ रूपए का कुल शुद्ध नकदी व्यय शामिल है। सदन ने वित्त वर्ष 2024-25 की सेवाओं के लिए भारत की संचित निधि से कुछ और राशियों के भुगतान और भुगतान को अधिकृत करने के लिए विनियोग विधेयक को भी सहमति दी है।
चर्चा का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। यह पिछले तीन वर्षों में आठ दशमलव तीन प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि का साक्षी रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में बेहतर प्रदर्शन करना जारी रखेगी। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढावा देने के लिए पूंजी व्यय में वृद्धि की है। इस वर्ष के बजट में सरकार ने 11 लाख करोड से अधिक रूपए का बजट आवंटन किया है।
देश में बढ़ती मुद्रास्फीति संबंधी विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की तुलना में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में खुदरा, खाद्य और ईंधन की कीमतों में काफी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के शासन में उपभोकता वस्तुओं और खाद्य मुद्रास्फीति की दर 10 प्रतिशत से अधिक थी, जबकि एनडीए सरकार में यह दर पांच प्रतिशत से अधिक हुई है।
श्रीमती सीतारामन ने कहा कि एलपीजी सिलिण्डर के घरेलू सक्रिय ग्राहकों की संख्या पिछले 10 वर्षों में बढ़कर लगभग 33 करोड़ तक पहुंच गयी है। उन्होंने कहा कि भारत के लगभग 45 प्रतिशत घरों में अप्रैल 2024 से पहले स्वच्छ कुकिंग ईंधनों की सुविधा नहीं थी।
श्रीमती सीतारामन ने दावा किया कि पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में सिलिण्डर की कीमत बहुत कम है। रोजगार के मोर्चे पर वित्त मंत्री ने बताया कि बेरोजगारी दर वर्ष 2017-18 के छह प्रतिशत से गिरकर 2023-24 में तीन दशमलव दो प्रतिशत पर आ गई है।