लोकसभा ने आज गोवा राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व के पुनर्समायोजन विधेयक-2024 को विचार और पारित करने के लिए स्वीकार किया है। इस विधेयक का उद्देश्य अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों की भागीदारी के लिए सीटों के आरक्षण को रेखांकित करना और राज्य विधान सभा में सीटों के पुनर्समायोजन की व्यवस्था करना है। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में विधेयक पेश किया।
श्री मेघवाल ने कहा कि यह विधेयक गोवा में विधानसभा की सीटों पर अनुसूचित जनजातियों की भागीदारी सुनिश्चित करने और उन्हें आरक्षण देने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि गोवा में अनुसूचित जनजाति से संबंधित लोगों की जनसंख्या वर्ष 2001 में 566 से बढ़कर अब लगभग एक लाख 49 हजार से अधिक हो गई है।
चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के कैप्टन विरियाटो फर्नांडीस ने कहा कि यह विधेयक गोवा में अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व में फिर से समायोजन करने के महत्व को दर्शाता है क्योंकि वर्तमान में इस समुदाय के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कई वर्षों से आदिवासी समुदायों को न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत है।
भाजपा के धवल लक्ष्मणभाई पटेल ने कांग्रेस पर आदिवासी समुदायों को गुमराह करने और आदिवासी लोगों के कल्याण और विकास के लिए कोई ठोस कदम ना उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह वर्ष 2013 में गोवा की भाजपा सरकार थी, जिसने गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व की अनुमति देने के लिए संसद की मंजूरी के लिए विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था।