उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आज आईएसबीटी कश्मीरी गेट के पास यमुना तट पर दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा स्थापित “माँ यमुना प्रतिमा” का अनावरण किया। इस अवसर पर श्री सक्सेना ने बताया कि दिल्ली में पहली बार स्थापित यह प्रतिमा यमुना की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत का सम्मान करती है और इसे प्रकृति तथा समुदाय के साथ जोड़ती है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा यमुना के बाढ़ के मैदानों के चल रहे पुनरुद्धार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
दस फुट लम्बी यह प्रतिमा, सात फुट ऊँचे चबूतरे पर स्थापित है। इसमें माँ यमुना को उनके कूर्म या कछुए पर सवार दिखाया गया है, जो स्थिरता, सहनशीलता और पृथ्वी का प्रतीक है। इस प्रतिमा में एक कलश भी है, जो प्रचुरता, उर्वरता और जल के जीवनदायी सार को दर्शाता है। मूर्ति का मुख यमुना के उद्गम की ओर है, जबकि कछुआ नदी के प्रवाह की ओर है, जो मूर्ति से कुछ ही कदम की दूरी पर है। 150 किलोग्राम की यह मूर्ति, ग्रेनाइट और ग्रेफाइट पाउडर के मजबूत मिश्रण तथा रेज़िन बाइंडर से बनी है जिसे तीन महीने के अंदर तैयार किया गया।
यमुना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उपराज्यपाल सक्सेना ने कहा कि यह एक नदी से कहीं बढ़कर है। यमुना एक जीवंत विरासत का एक हिस्सा है जिसने भारत की संस्कृति और मान्यताओं को आकार दिया है। उन्होंने रेखांकित किया कि यह प्रतिमा इस पवित्र संबंध का सम्मान करती है और आने वाली पीढ़ियों के लिए इसकी पवित्रता की रक्षा करने की याद दिलाती रहेगी।