दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आज कहा कि राजधानी में पिछले वर्ष संक्रमण और परजीवियों से होने वाली बीमारियों से 21 हजार मौतें हुई हैं, जो राजधानी की स्वास्थ्य व्यवस्था के ध्वस्त हो जाने को दर्शाता है।
सोशल मीडिया के माध्यम से उपराज्यपाल सक्सेना ने दिल्ली सरकार के आंकडों को रेखांकित करते हुए बताया कि शहर में दूषित पानी, मच्छरों और गंदगी के कारण यह मौतें हुई हैं। इसके अतिरिक्त कैंसर से मरने वालों की संख्या में पिछले एक साल में 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
श्री सक्सेना ने बताया कि इसमें 13 प्रतिशत मृतक 14 साल से कम उम्र के बच्चे थे। वहीं 57 प्रतिशत मृतक कामकाजी आयु वर्ग से थे, जिनमें 6 प्रतिशत लोग 14 से 24 आयु वर्ग के, 19 प्रतिशत लोग 25 से 44 आयु वर्ग के और 32 प्रतिशत लोग 45 से 64 आयु वर्ग के थे।
उपराज्यपाल ने यह भी बताया कि इन आंकडों में अस्पतालों के बाहर होने वाली मृत्यु के कारणों का विवरण शामिल नहीं है। उन्होंने इस मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर स्थिति है, जो दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल के अलावा शहर में पूर्ण रूप से जलापूर्ति, सीवर और स्वच्छता व्यवस्था के ध्वस्त हो जाने को दर्शाता है।
उन्होंने आशा जताई कि दिल्ली सरकार इस स्थिति का संज्ञान लेकर प्रचार के अलावा इसके निवारण का प्रयास भी करेगी।