गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि केरल सरकार को वायनाड में मूसलाधार वर्षा और भूस्खलन की पूर्व चेतावनी इस महीने की 23 तारीख और फिर 24 तथा 25 तारीख को दे दी गई थी। वायनाड में हुई तबाही को लेकर आज राज्यसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान हस्तक्षेप करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि 26 जुलाई को एक और चेतावनी जारी करके अत्याधिक तेज वर्षा, भूस्खलन, जमीन धंसने और संभावित जनहानि का संकेत दिया गया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की नौ टीमें पहले ही केरल भेज दी गई थीं, लेकिन राज्य सरकार ने समय रहते फंसे लोगों को नहीं निकाला। गृह मंत्री ने कहा कि एन डी आर एफ की टीमें पहुंचने के बाद यदि राज्य सरकार ने सतर्कता बरती होती तो वायनाड में हुए नुकसान को कम किया जा सकता था। श्री शाह ने कहा कि भारत उन चार देशों में से एक है, जो प्राकृतिक आपदा के बारे में सात दिन पहले चेतावनी जारी करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि ओडिसा और गुजरात सहित कई राज्यों ने केन्द्र की पूर्व चेतावनी प्रणाली का इस्तेमाल करके आपदा से संभावित नुकसान को कम किया है। गृह मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार वायनाड त्रासदी का सामना करने के लिए केरल सरकार और राज्य के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन को सूचित किया कि केन्द्र ने घटना के बाद से राज्य को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि ताजा जानकारी के अनुसार एक हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। श्री राय ने कहा कि सशस्त्र बलों, एन डी आर एफ और एस डी आर एफ बचाव और तलाश अभियान चला रहे हैं। एक श्वान दल भी इस काम में लगाया गया है। भाजपा के अरुण सिंह, सी पी आई-एम के जॉन ब्रिटास, आर जे डी के मनोज झा, डी एम के सदस्य तिरुची शिवा, ऑल इंडिया अन्ना डी एम के सदस्य एम. थम्बी दुरई, एन सी पी के प्रफुल्ल पटेल, आई यू एम एल के हारीस बीरन, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, आम आदमी पार्टी के राघव चड्डा और बी जे डी के मुजिबुल्ला खान ने चर्चा में भाग लिया।