कैलाश मानसरोवर यात्रा कोविड के चार वर्षों बाद 30 जून से फिर शुरू होने जा रही है। यह तीर्थयात्रा उत्तराखण्ड मार्ग से होकर जाएगी। यह यात्रा उत्तराखण्ड सरकार और विदेश मंत्रालय के संयुक्त निरीक्षण में आयोजित की जाएगी। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) को इस तीर्थयात्रा के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है।
यह यात्रा दिल्ली से शुरू होकर चीन में प्रवेश करने के लिए पिथौरागढ़ के लिपुलेख दर्रे से होकर आगे बढ़ेगी। 22 दिन की इस श्रमसाध्य आध्यात्मिक यात्रा पर कुल 250 तीर्थयात्री जाएंगे।
इन यात्रियों को 50-50 के पांच जत्थों में विभाजित किया जाएगा। पहला जत्था, चीन में 10 जुलाई को प्रवेश करेगा। अंतिम जत्था 22 अगस्त को वापसी करेगा।
इस दौरान तीर्थयात्री टनकपुर, धारचूला, गुंजी और नाभिधांग में रूकेंगे। वापसी में तीर्थयात्री दिल्ली पहुंचने से पहले बुंदी, चौकोरी और अल्मोडा से होकर गुजरेंगे। सभी तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सहयोग से पिथौरागढ़ के गुंजी और दिल्ली में चिकित्सीय जांच की जाएगी।