वक्फ संशोधन विधेयक 2024 से संबंधित संयुक्त समिति की एक बैठक आज नई दिल्ली में हुई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, जकात फाउंडेशन आफ इंडिया और तेलंगाना वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में अपने विचार व्यक्त किए और सुझाव भी दिए। इस समिति का गठन लोकसभा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में किया गया है। 31 सदस्यीय समिति में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के दस सदस्य शामिल हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों से संबंधित प्रशासन और प्रबंधन को चुस्त-दुरूस्त किया जाना है। विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 करने का प्रावधान है। इसमें वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण के लिए सर्वेक्षण आयुक्त के स्थान पर जिलाधीश अथवा किसी ऐसे अधिकारी को नामित किए जाने का प्रावधान है, जिसका पद उप जिलाधीश से कम न हो।
इस विधेयक में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों के सदस्यों की संख्या को बढ़ाना और उसमें मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिम प्रतिनिधित्व का भी प्रावधान है। इस विधेयक में बोहरा और आगाखानी समुदाय के लिए अलग से वक्फ बोर्ड बनाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त वक्फ संशोधन विधयेक 2024 में शिया, सुन्नी, बोहरा, आगाखानी और अन्य पिछडे मुस्लिम वर्गों को शामिल किए जाने का भी प्रावधान है। विधेयक में दो सदस्यों वाले ट्रिब्यूनल ढांचे में सुधार करने और ट्रिब्यूनल के आदेशों के खिलाफ नब्बे दिनों की निर्दिष्ट अवधि के भीतर उच्च न्यायालय में अपील करने का भी प्रावधान है।
वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 लोकसभा की वेबसाइट पर हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है। बजट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए इस विधेयक को संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया था।