झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक, दिशोम गुरू शिबू सोरेन का आज नई दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके पुत्र और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी जानकारी एक्स पर पोस्ट कर दी है। दिशोम गुरू के निधन से राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने आदिवासी पहचान और झारखंड राज्य की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनका जनकल्याण के प्रति समर्पण हमेशा याद किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शिबू सोरेन को जमीनी स्तर का ऐसा नेता बताया, जिन्होंने जनजातीय समुदाय, गरीब और वंचित वर्ग के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया।
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन जनजातीय अस्मिता और अधिकार के सशक्त स्वर थे ।
राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
इधर पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शिबू सोरेन ने अपना पूरा जीवन आदिवासी और दलितों के अधिकार की लड़ाई में समर्पित किया।
झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन को झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि वे झारखंड के अभिभावक और आदिवासी समाज की पहचान थे।
राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर भाजपा के वरिष्ठ नेता अमर कुमार बावरी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने अपना पूरा जीवन आदिवासी और दलितों के हक व अधिकार की लड़ाई में समर्पित किया।
दिशोम गुरू शिबू सोरेन के निधन से उपराजधानी दुमका में शोक की लहर है। उनके निधन की सूचना मिलते ही लोग खिजुरिया स्थित उनके आवास पर पहुंचने लगे, जहां सन्नाटा पसरा हुआ है और पार्टी का झंडा आधा झुका दिया गया है। शिबू सोरेन आठ बार दुमका से सांसद रहे और एक बार विधायक भी निर्वाचित हुए थे।