जम्मू-कश्मीर पर्यटन विकास कॉन्क्लेव में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर को विश्व के सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक बनाने में प्रशासन के स्थाई पर्यटन मॉडल विकसित करने के प्रयासों का उल्लेख किया। श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में पर्यटन उद्योग, फिल्म, व्यापार और यात्रा प्रबंधन एजेंसियों के सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि क्षेत्र में कोविड महामारी उपरांत पर्यटन में अभूतपूर्व बढ़ोतरी रही है और विदेशों से आने वाले पर्यटकों में साल-दर-साल लगभग 300 प्रतिशत वृद्धि हुई है। नई नीतियां, अनुकूल माहौल, पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहन देने और साल भर रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास से इसमें अपेक्षित सुधार आया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जम्मू-कश्मीर में नए युग का सूत्रपात होने से इसके प्रति अंतरराष्ट्रीय रुचि पैदा हुई है। इससे घरेलू पर्यटक भी जम्मू-कश्मीर की यात्रा के लिए प्रोत्साहित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह सुखद बदलाव स्थानीय समुदायों को समृद्ध बनाने के साथ ही आधुनिक पर्यटन उद्योग के संवर्धन में सहायक साबित हो रहा है।
उपराज्यपाल ने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और इससे जुड़े समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बदलाव के कई सुझाव दिए। उन्होंने जम्मू कश्मीर में साहसिक, सीमा और विरासत पर्यटन, अनूठे गंतव्य स्थल, गोल्फ के खेल, पक्षी-दर्शन और कृषि-पर्यटन की संभावनाओं का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों और पर्यटन उद्योग के नेताओं से सामूहिक प्रयास का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि डेस्टिनेशन वेडिंग भी जम्मू कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ाने में मददगार हो सकती है।
उपराज्यपाल ने पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में अधिकतम निजी निवेश के लिए एक रोडमैप तैयार करने पर ज़ोर दिया।
उपराज्यपाल ने कहा कि दशकों बाद घाटी में बॉलीवुड की वापसी हुई है। उन्होंने कहा कि स्पर्धी फिल्म नीति से केंद्र शासित प्रदेश में एक जीवंत फिल्म पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित हो गया है और आज जम्मू कश्मीर फिल्म निर्माताओं के लिए फिल्मांकन का सबसे पसंदीदा स्थल बन गया है।
उन्होंने नवीन बाज़ार नीति, आईटी और डिजिटल उपकरणों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र के ब्रांड-निर्माण और प्रचार के बारे में मूल्यवान सुझाव दिए। उपराज्यपाल ने सम्मेलन में विशेषज्ञों और हितधारकों से प्राप्त सुझावों और विचारों के समयबद्ध कार्यान्वयन पर भी ज़ोर दिया।