रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बगैर जम्मू-कश्मीर अधूरा है और वहां लोगों के साथ धर्म के आधार पर भेद-भाव होता है। जम्मू के बाहरी इलाके अखनूर में सेना द्वारा आयोजित पूर्व सैनिकों की रैली को सम्बोधित करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविरों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और सीमा से सटे क्षेत्रों में लॉन्च पैड बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस स्थिति से पूरी तरह अवगत है और सही समय पर कार्रवाई करेगी। रक्षामंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी घिनौनी साजिशों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को खत्म करना ही होगा।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने हमेशा युद्धों में शत्रुओं को पराजित कर देश की रक्षा की है। उन्होंने सेना के जवानों के बलिदान की सराहना की और आतंकवाद से देश को सुरक्षित रखने में उनकी भूमिका का उल्लेख किया।
रक्षामंत्री ने पूर्व सैनिको, सेवारत्त सैनिको और उनके परिवारों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय अपने सैनिको की खुशहाली के लिए अपनी क्षमता से अधिक करने को हमेशा तैयार रहता है।
रक्षामंत्री ने उनके मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार हर कदम पर सैनिको के साथ है।
रक्षामंत्री ने अखनूर में एक सौ आठ फुट का राष्ट्रीय ध्वज़ फहराया और एक विरासत संग्रहालय का भी उद्घाटन किया। इस संग्रहालय में जम्मू-कश्मीर में विभिन्न युद्धों में प्रयोग किए गए हथियार और सैनिको की प्रतिमाएं रखी गई हैं। रक्षा प्रमुख भी श्री राजनाथ सिंह के साथ थे।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
पूर्व सैनिक दिवस हर वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है। 1953 में, इसी दिन सशस्त्र सेनाओं के पहले प्रमुख कमांडर, फील्ड मार्शल के० एम० करियप्पा, सेवा निवृत्त हुए थे।
पहला पूर्व सैनिक दिवस 2016 में मनाया गया था और अब यह पूर्व सैनिको के प्रति सम्मान के रूप में हर वर्ष कई गतिविधियों के आयोजन के साथ मनाया जाता है।