इस्राइल ने कल रात ईरान के परमाणु और बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों तथा वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाते हुए भीषण हवाई हमले किये हैं। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहु ने इस हमले को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन का नाम दिया है। उन्होंने कहा है कि यह हमले कई दिनों तक जारी रहेंगे। श्री नेतन्याहू के अनुसार हमले में ईरान के नातांज परमाणु संवर्धन संयंत्र को भी लक्षित किया गया।
हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी, परमाणु ऊर्जा संगठन के पूर्व अध्यक्ष फिरेदून अब्बासी और ईरान की सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख मोहम्मद बाघेरी सहित कई लोग मारे गए हैं। इस्राइल की सेना ने कहा है कि हमले में दो सौ लडाकू जेट विमानों का इस्तेमाल किया गया। इस कार्रवाई के जवाब में ईरान ने इस्राइल में सौ से अधिक ड्रोन हमले किये हैं।
दोनों देशों के बीच तनाव से पश्चिम एशिया में क्षेत्रीय युद्ध छिडने की आशंका पैदा हो गई है। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले से किसी तरह का परमाणु विकिरण नहीं होने की बात कही है। उसने कहा है कि ईरान के बुशहर परमाणु संयंत्र पर कोई हमला नहीं हुआ है।
इस बीच अमरीका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा है कि ईरान पर इस्राइल हमले में अमरीका का कोई हाथ नहीं है। मौजूदा हालात में अमरीका की सर्वोच्च प्राथमिकता हिंसाग्रस्त क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा करना है। ईरान की सशस्त्र सेनाओं के प्रवक्ता अबुलफज़ल शेकार्ची ने चेतावनी दी है कि अमरीका और इ्रसाइल को इस हमले की बडी कीमत चुकानी पडेगी।
ईरान के सरकारी मीडिया की खबरों में कहा गया है कि इस्राइल के हवाई हमलों में तेहरान के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया जिसमें बच्चों सहित कई नागरिक मारे गए हैं।
उधर, इस्राइल ने ईरान की ओर से संभावित हमले की आशंका के मद्देनजर देश में आपातकाल घोषित कर दिया है। इस्राइल के रक्षा मंत्री इजराइल कार्ट्ज ने कहा है कि ईरान कभी भी जवाबी हमला कर सकता है। उन्होंने देश के नागरिकों से कहा है कि ईरान की ओर से कभी भी मिसाइल या ड्रोन हमले हो सकते हैं।
इस बीच ईरान ने अगले आदेश तक नागरिक विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है।