अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और पर्यावरण और वन्यजीवन फोरम, वातावरण का आज नई दिल्ली के पृथ्वी भवन में उद्घाटन हुआ। तीन दिवसीय फिल्म महोत्सव का विषय “जीवन के लिए आर्द्रभूमि“ है, जो आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में जागरूकता और संरक्षण पर केंद्रित है।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पर्यावरण मंत्रालय के वन महानिदेशक, जितेंद्र कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आर्द्रभूमि अपने पारिस्थितिक और आर्थिक लाभों के कारण भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि लगभग 6 प्रतिशत भारतीय आजीविका के लिए सीधे तौर पर आर्द्रभूमि पर निर्भर हैं, जो उनके रूपांतरण को और भी महत्वपूर्ण बनाता है। श्री कुमार ने आशा व्यक्त की है कि फिल्म महोत्सव सार्थक मुद्दों पर चर्चा आयोजित कर सकता है और संरक्षण रणनीतियां तैयार कर सकता है।
भारत में जर्मन दूतावास में जलवायु और पर्यावरण विभाग की प्रमुख टैना डाइकहॉफ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पर्यावरण और आर्द्रभूमि संरक्षण पर भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय सहयोग बहुत सफल रहा है। उन्होंने कहा कि जनता के साथ ऐसे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए फिल्म एक प्रभावशाली उपकरण है।