उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि भारतीय इतिहास की पुस्तकों में देश के नायकों के साथ अन्याय किया गया है। नई दिल्ली में आज स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक राजा महेन्द्र प्रताप की 138वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ये देश की अंतर्रात्मा पर आघात है।
श्री धनखड़ ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता की नींव राजा महेन्द्र प्रताप सिंह और अन्य गुमनाम नायकों जैसे लोगों के सर्वोच्च बलिदान पर टिकी है। उन्होंने कहा कि राजा महेन्द्र प्रताप जन्मजात राजनयिक, राष्ट्रभक्त, दूरदर्शी और राष्ट्रवादी थे।
श्री धनखड़ ने इतिहास की पुस्तकों में कुछ राष्ट्रीय नायकों की अनदेखी की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की।