सुरक्षा परिषद की वार्षिक रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में चर्चा के दौरान भारत के प्रतिनिधि प्रतीक माथुर ने कहा कि सुरक्षा परिषद को भी अपनी विश्वसनीयता साबित करने और अपने प्रदर्शन में सुधार करने की जरूरत है।
भारत ने इस बात पर बल दिया है कि स्थायी और गैर-स्थायी श्रेणियों का विस्तार करके सुरक्षा परिषद में सुधार करने का अब समय आ गया है ताकि यह संस्था वैश्विक संघर्षों से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम हो सके।
पन्द्रह देशों की सुरक्षा परिषद में केवल पांच स्थायी सदस्यों – चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमरीका के पास वीटो का अधिकार है। शेष दस सदस्य दो साल की अवधि के लिए गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुने जाते हैं और उनके पास वीटो का अधिकार नहीं होता है।