केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा है कि भारत का औषधि क्षेत्र वर्ष 2030 तक 130 अरब डॉलर का उद्योग बन जाएगा, जो वर्तमान में लगभग 55 अरब डॉलर है। वे आज ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो मार्ट में 10वीं अंतर्राष्ट्रीय औषधि प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
श्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत दवाओं की मात्रा के मामले में तीसरे सबसे बड़े उद्योग के साथ दुनिया की फार्मेसी के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत तीन हजार से अधिक फार्मा कंपनियों का घर है और इसके पास साढे 10 हजार से अधिक निर्माताओं का एक सशक्त तंत्र है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि जेनेरिक दवाओं की मांग में हमारी हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है।
श्री प्रसाद ने इस बात पर बल दिया कि सरकार वर्ष 2047 तक देश के फार्मास्युटिकल उद्योग को वैश्विक रूप से अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने तथा आयात पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से फार्मा क्षेत्र के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) की शुरुआत का उल्लेख किया।