मौजूदा वित्त वर्ष की जुलाई-सितम्बर की तिमाही में मंदी के बाद भारत की आर्थिक वृद्धि में सुधार दिख रहा है। ऐसा ईंधन उपभोग, वाहनों की टोल टैक्स वसूली और हवाई यातायात संकेतकों में सुधार होने के कारण हुआ है। अमरीका की एक वित्तीय सेवा कंपनी जेफरीज ने अक्तूबर-नवम्बर के दौरान साढे छह प्रतिशत की वृद्धि दर को महत्वपूर्ण बताया है। कम्पनी का कहना है कि पिछली पांच तिमाहियों में यह सबसे तेज वृद्धि दर है।
जेफरीज की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आगामी तिमाहियों के दौरान रिजर्व बैंक की नरम नीतियों के कारण सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में और सुधार होगा।